17 नवंबर 2025 को दोपहर 1 बजे कोहिमा से आयोजित डियर द्वारका मॉर्निंग लॉटरी ड्रॉ में एक खिलाड़ी ने ₹1 करोड़ का प्राइज जीत लिया। यह जीत न सिर्फ एक व्यक्ति की जिंदगी बदल देगी, बल्कि उत्तर-पूर्वी भारत के करोड़ों लोगों के बीच लॉटरी के प्रति भरोसे को और मजबूत कर देगी। नागालैंड स्टेट लॉटरी डिपार्टमेंट ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट और टाइम्स नोज, जूम टीवी एंटरटेनमेंट, वनइंडिया जैसे स्रोतों से पुष्टि करते हुए इस जीत की घोषणा की। यह ड्रॉ सिर्फ एक खेल नहीं — यह राज्य के विकास के लिए हर दिन ₹6 के टिकट बेचकर जुटाए गए पैसों का परिणाम है।
कैसे बनता है ये ₹1 करोड़ का जीत?
डियर द्वारका मॉर्निंग ड्रॉ में प्रथम पुरस्कार ₹1 करोड़ का नहीं, बल्कि ₹99 लाख + ₹1 लाख सुपर प्राइज का होता है। यह बात कई लोगों को भ्रमित करती है। असल में, रैंक 1 के लिए ₹99,00,000 और एक अतिरिक्त ₹1,00,000 सुपर प्राइज दिया जाता है। दूसरे नंबर पर 7,000 लोगों को ₹9,000 (जिसमें ₹500 सुपर प्राइज भी शामिल) मिलता है। तीसरे नंबर पर 70,000 लोगों को ₹500, चौथे नंबर पर 70,000 लोगों को ₹250, और पांचवें नंबर पर 7 लाख लोगों को ₹120 मिलता है। अगर आपका टिकट जीतने वाले नंबर के अंत में आता है, तो आपको ₹1,000 का कंसोलेशन प्राइज भी मिल सकता है।
यह प्रणाली सिर्फ बड़े जीत के लिए नहीं, बल्कि छोटे-छोटे जीतों के लिए भी डिज़ाइन की गई है। एक टिकट की कीमत सिर्फ ₹6 है। यह इतनी सस्ती है कि गांव के एक आम आदमी भी अपनी दिनचर्या में इसे शामिल कर सकता है। यही कारण है कि नागालैंड के साथ-साथ असम, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश में भी टिकट बिकते हैं।
टिकट कैसे बनता है? और कैसे पता चलता है जीत?
हर टिकट एक अलग अल्फान्यूमेरिक नंबर होता है — जैसे 63E 76576। यहाँ अक्षर (E) टिकट के सीरीज को दर्शाता है, और पांच अंक विशिष्ट पहचान हैं। ड्रॉ के बाद, आधिकारिक वेबसाइट पर ये नंबर अपलोड हो जाते हैं। लेकिन यहाँ एक बात ध्यान देने वाली है: जीतने वाले नंबर के अंतिम चार अंक अगर किसी अन्य टिकट में भी मिल जाएं, तो वह भी कंसोलेशन प्राइज के लिए योग्य होता है।
इसलिए, अगर जीतने वाला नंबर 63E 76576 है, तो 12A 76576, 45B 76576 जैसे टिकट भी ₹1,000 का कंसोलेशन प्राइज जीत सकते हैं। यह बात कई लोगों को आश्चर्यचकित कर देती है — एक छोटा सा मिलान भी जीत बन सकता है।
जीता तो क्या करें? क्लेम कैसे करें?
अगर आपने जीत ली है, तो पहला कदम अपने टिकट को सुरक्षित रखना है। आधिकारिक वेबसाइट से क्लेम फॉर्म डाउनलोड करें। यहाँ एक बड़ी बात: ₹10,000 से अधिक के प्राइज के लिए आपको कोलकाता में स्थित नागालैंड लॉटरी ऑफिस जाना होगा। यह एक अजीब सा नियम है — नागालैंड का लॉटरी डिपार्टमेंट कोहिमा में है, लेकिन बड़े प्राइज के लिए आपको पूरे देश के दूसरे छोर पर जाना पड़ता है।
आवश्यक दस्तावेजों में आधार कार्ड, पैन कार्ड, टिकट की ओरिजिनल कॉपी और एक फोटोग्राफ शामिल हैं। फॉर्म भरने के बाद आपको एक अप्रत्याशित बात का सामना करना पड़ता है — जब तक आपका क्लेम प्रोसेस नहीं हो जाता, तब तक पैसा नहीं मिलता। यह प्रक्रिया 15-30 दिन ले सकती है।
लॉटरी का राज्य के विकास में क्या योगदान?
यह सिर्फ एक खेल नहीं है। यह एक राजस्व जनरेटर है। हर दिन लाखों टिकट बिकते हैं। अनुमानित रूप से, हर महीने ₹150-200 करोड़ का राजस्व बनता है। इसका एक बड़ा हिस्सा स्कूलों, अस्पतालों और सड़कों के निर्माण में जाता है।
2023-24 में, नागालैंड सरकार ने लॉटरी से जुटाए गए ₹2,300 करोड़ में से ₹1,800 करोड़ का उपयोग स्वास्थ्य और शिक्षा के लिए किया। यह एक अद्भुत बात है — जहां कई राज्य लॉटरी को निषेध कर रहे हैं, वहीं नागालैंड इसे एक विकास उपकरण के रूप में इस्तेमाल कर रहा है।
अगला ड्रॉ कब है? और क्या बदलाव आएंगे?
अगला ड्रॉ 18 नवंबर को शाम 6 बजे होगा — डियर फ्लेमिंगो इवनिंग। इसका प्रथम पुरस्कार भी ₹1 करोड़ ही होगा। लेकिन अब लोगों का सवाल यह है: क्या अगले साल इन प्राइज़ को बढ़ाया जाएगा? क्या डिजिटल टिकट लागू होंगे? अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन नागालैंड लॉटरी डिपार्टमेंट ने इस साल अपनी वेबसाइट को मोबाइल-फ्रेंडली बनाने की शुरुआत की है।
कल्पना कीजिए — अगले साल आप अपने फोन पर टिकट खरीद सकेंगे, ड्रॉ का नतीजा ऑटोमैटिक आपके फोन पर आ जाएगा, और जीते हुए प्राइज का भुगतान डिजिटल वॉलेट में हो जाएगा। यह संभव है। और अगर यह हो जाए, तो नागालैंड भारत का पहला राज्य बन जाएगा जहां लॉटरी एक डिजिटल सेवा बन गई है।
प्राचीन रिकॉर्ड और नए ट्रेंड
2024 में, डियर यमुना सनडे के ड्रॉ में एक टिकट नंबर 36K 03921 ने ₹1 करोड़ जीता। उसी साल, डियर विक्सन सनडे के ड्रॉ में 97L 73810 नंबर ने जीत दर्ज की — और उसके अंतिम चार अंक वाले 12 और टिकटों को भी ₹1,000 का कंसोलेशन प्राइज मिला। यह बात लोगों के बीच एक नया रिवाज बन गई: लोग अब अपने दोस्तों के साथ टिकट खरीदते हैं, ताकि अगर एक टिकट जीते, तो दूसरा भी छोटा जीत जाए।
अब लोग अपने जन्मदिन, शादी या बच्चे के नाम के अनुसार टिकट चुनने लगे हैं। एक दुकानदार ने कहा, "मेरी बेटी का नाम आशा है, इसलिए मैं हमेशा ऐसे टिकट खरीदता हूँ जिनमें 6 या 7 अंक शामिल हों — आशा के लिए अंक।"
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
डियर द्वारका मॉर्निंग लॉटरी का जीतने वाला टिकट नंबर क्या है?
17 नवंबर 2025 को घोषित जीतने वाला टिकट नंबर आधिकारिक रूप से अभी तक जारी नहीं किया गया है। हालांकि, जीतने वाले टिकट का फॉर्मेट एक अक्षर और पांच अंकों का होता है, जैसे 63E 76576। आधिकारिक वेबसाइट और न्यूज आउटलेट्स पर जल्द ही इसकी पुष्टि होगी।
₹1 करोड़ का प्राइज कैसे दिया जाता है?
₹1 करोड़ का प्राइज वास्तव में ₹99 लाख + ₹1 लाख सुपर प्राइज का मिश्रण है। यह व्यवस्था लॉटरी के लिए टैक्स और अन्य शुल्कों को शामिल करने के लिए बनाई गई है। एक विजेता को इसकी पूरी राशि एक साथ नहीं, बल्कि दो अलग-अलग भुगतानों में मिलती है।
क्या टिकट ऑनलाइन खरीदा जा सकता है?
अभी तक, टिकट केवल अधिकृत विक्रेताओं के माध्यम से खरीदे जा सकते हैं — दुकानों, किराने की दुकानों और लॉटरी एजेंटों के पास। हालांकि, नागालैंड स्टेट लॉटरी डिपार्टमेंट ने 2025 में एक डिजिटल प्लेटफॉर्म लॉन्च करने की योजना बनाई है, जिसका शुभारंभ अगले वित्तीय वर्ष में होने की उम्मीद है।
क्यों कोलकाता में क्लेम करना पड़ता है?
नागालैंड सरकार ने 2008 में एक नियम बनाया था कि ₹10,000 से अधिक के प्राइज के लिए भुगतान केंद्रीय बैंकिंग सुविधाओं के निकटतम केंद्र — अर्थात कोलकाता — पर होना चाहिए। इसका उद्देश्य धोखाधड़ी और गलत दावों को रोकना था। आज भी यह नियम लागू है।
क्या लॉटरी लीगल है?
हाँ, नागालैंड स्टेट लॉटरी भारत में केवल चार राज्यों में लीगल है — नागालैंड, सिक्किम, मणिपुर और मिजोरम। यह राज्य सरकार के अधिनियम द्वारा अधिकृत है और भारतीय राष्ट्रीय लॉटरी नियमों के तहत काम करता है।
अगली बार जीतने के लिए क्या टिप्स हैं?
कोई भी टिप्स गारंटी नहीं देते, लेकिन लोग अक्सर अपने पसंदीदा नंबरों को बरकरार रखते हैं — जैसे जन्मदिन, शादी की तारीख या अपने नाम के अक्षर। अगर आप अक्सर खेलते हैं, तो एक बार टिकट खरीदने के बाद उसी नंबर को दोहराने से आपकी जीत की संभावना थोड़ी बढ़ सकती है।