मध्यप्रदेश के आठ जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी करते हुए भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने आज एक अप्रत्याशित मौसमी घटना की ओर ध्यान आकर्षित किया है। ग्वालियर, भिंड, मोरेना, दतिया, शिवपुरी, शेओपुर, नीमच और मंडसौर में अगले तीन दिनों तक भारी से अत्यधिक बारिश की संभावना है। यह चेतावनी आज, 27 अक्टूबर, 2025 को IMD भोपाल द्वारा जारी की गई, जबकि बाकी 26 जिलों में हल्की से मध्यम बारिश की भविष्यवाणी है। यह मौसमी विचलन अरब सागर में सक्रिय एक निम्न दबाव के कारण हो रहा है, जिसका एक ट्रॉफ बीच में मध्य प्रदेश के रास्ते फैला हुआ है।

क्या हो रहा है वास्तव में?

बुधवार को शुरू होने वाली यह बारिश की लहर रविवार, 26 अक्टूबर को ही शुरू हो चुकी थी। उस दिन ही 20 से अधिक जिलों में मध्यम से भारी बारिश हुई, जिससे कई क्षेत्रों में सड़कें बह गईं और घरों में पानी भरने लगा। अब तीन दिनों तक यह विषम मौसम जारी रहेगा। IMD भोपाल के एक वरिष्ठ मौसम विज्ञानी ने कहा, "यह अरब सागर से आ रही नमी की एक असामान्य धारा है, जो आमतौर पर अक्टूबर के अंत में ही दिखती है। लेकिन इस बार यह पहले से ही आ गई है।" यह बात विशेष रूप से चिंताजनक है क्योंकि अक्टूबर में मध्यप्रदेश में आमतौर पर सिर्फ 3-8 दिन बारिश होती है, और औसत वर्षा मात्रा केवल 70 मिमी होती है।

किन जिलों में सबसे ज्यादा खतरा?

सबसे ज्यादा खतरा वाले आठ जिलों में ग्वालियर और भिंड शीर्ष पर हैं। यहाँ तीन दिनों में 100 मिमी से अधिक बारिश की संभावना है। इसके अलावा, मोरेना और दतिया में भी बाढ़ के जोखिम को लेकर जिला प्रशासन तैयार है। जिला प्रशासन ने स्कूलों को बंद रखने का निर्देश दिया है, और अस्पतालों में आपातकालीन टीमें तैनात कर दी गई हैं। शिवपुरी में तो बारिश के कारण एक गाँव के चारों ओर की सड़कें बह गईं हैं, जहाँ लोग अब नावों के जरिए घूम रहे हैं। यहाँ तक कि नीमच में भी बारिश के कारण एक जलाशय का पानी भरकर लगभग 200 एकड़ के खेतों को डुबो दिया।

अक्टूबर का आम मौसम क्या होता है?

यहाँ का अक्टूबर आमतौर पर गर्मी के बाद एक आरामदायक बदलाव लाता है। तापमान 25°C से 36°C के बीच रहता है। इंदौर में औसतन 11.8 घंटे धूप होती है। लेकिन इस बार, अक्टूबर के शुरू में ही न्यूनतम तापमान 5.1°C तक असामान्य रूप से ऊपर चढ़ गया है — यह बात बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में भी सच है। अक्टूबर में तापमान इतना ऊपर जाना असामान्य है, खासकर जब बारिश भी इतनी ज्यादा हो रही हो। भोपाल के लिए अक्टूबर के अंत तक 71°F से 90°F (21.7°C से 32.2°C) का अधिकतम तापमान अपेक्षित था। लेकिन अब यह अनुमान बदल चुका है।

अगले दिन क्या होगा?

अगले तीन दिनों में बारिश के बाद तापमान धीरे-धीरे गिरने लगेगा। अक्टूबर के अंत तक भोपाल के लिए अधिकतम तापमान 78°F (25.6°C) तक आ सकता है। लेकिन यह सिर्फ एक अस्थायी शांति है। IMD के विस्तृत अनुमान के अनुसार, 30 अक्टूबर से 5 नवंबर तक ओडिशा, उत्तर-पूर्वी भारत और गुजरात में भारी बारिश की संभावना है। अर्थात, यह विचलन अकेला नहीं है — यह एक बड़े मौसमी पैटर्न का हिस्सा है।

क्या यह जलवायु परिवर्तन का संकेत है?

क्या यह जलवायु परिवर्तन का संकेत है?

विशेषज्ञ कहते हैं कि अक्टूबर में ऐसी भारी बारिश और असामान्य तापमान अब नियमित हो रहे हैं। पिछले 10 वर्षों में, मध्यप्रदेश में अक्टूबर में भारी बारिश की घटनाएँ तीन बार हुई हैं — 2018, 2021 और अब 2025। यह एक ट्रेंड बन रहा है। जलवायु विज्ञानी डॉ. अनिल कुमार (भोपाल विश्वविद्यालय) के अनुसार, "अरब सागर का तापमान बढ़ने से नमी की धाराएँ अब अधिक तीव्र और अधिक बार देश के आंतरिक भागों तक पहुँच रही हैं। यह जलवायु परिवर्तन का एक स्पष्ट संकेत है।" लोगों को अब यह समझना होगा कि अक्टूबर का गर्म और शुष्क मौसम अब अतीत की बात है।

आम लोगों को क्या करना चाहिए?

जिला प्रशासन ने लोगों को घरों में रहने की सलाह दी है, खासकर निम्न इलाकों में। बारिश के दौरान बहाव वाली नदियों के पास न जाएँ। बिजली के तारों के नीचे न खड़े हों। बारिश के बाद पानी का उपयोग करने से पहले उसे उबाल लें। अगर आप बाहर निकलें, तो बरसात के लिए अच्छी बरसाती कपड़े और चप्पल जरूर पहनें। बारिश के बाद मच्छरों का खतरा बढ़ जाता है — इसलिए जहाँ भी जमा पानी है, उसे निकाल दें।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

इस बारिश के कारण बाढ़ का खतरा कितना है?

ग्वालियर, भिंड और शिवपुरी जैसे जिलों में बाढ़ का खतरा उच्च है, क्योंकि यहाँ तीन दिनों में 100 मिमी से अधिक बारिश की भविष्यवाणी है। नदियों का जलस्तर पहले से ही बढ़ चुका है, और जलाशयों की क्षमता लगभग 80% तक पहुँच गई है। अगर बारिश लगातार रही, तो आज रात तक कुछ स्थानों पर बाढ़ की स्थिति आ सकती है।

क्या यह मौसम अक्टूबर के लिए सामान्य है?

नहीं। अक्टूबर में मध्यप्रदेश में आमतौर पर 3-8 दिन बारिश होती है, और औसत वर्षा केवल 70 मिमी होती है। इस बार एक हफ्ते में ही 80-100 मिमी बारिश हो चुकी है, जो एक असामान्य उछाल है। तापमान भी 5.1°C तक असामान्य रूप से ऊपर है — यह आमतौर पर जुलाई-अगस्त में देखा जाता है।

क्या भोपाल और इंदौर को भी भारी बारिश की चेतावनी है?

नहीं, लेकिन ये शहर भी हल्की से मध्यम बारिश के अधीन हैं। भोपाल में अगले तीन दिनों में 20-30 मिमी बारिश हो सकती है, जो आमतौर पर बारिश के दिनों के लिए पर्याप्त है। इंदौर में बारिश का असर कम है, लेकिन गलियों में जल जमाव हो सकता है।

इस बारिश के बाद तापमान कैसा रहेगा?

अक्टूबर के अंत तक तापमान धीरे-धीरे गिरकर 25-28°C के आसपास आ सकता है। भोपाल के लिए अधिकतम तापमान 78°F (25.6°C) तक आ सकता है। लेकिन न्यूनतम तापमान अभी भी 20-22°C के आसपास रहेगा, जो आमतौर पर अक्टूबर के अंत में देखा जाता है।

क्या यह जलवायु परिवर्तन का हिस्सा है?

हाँ। पिछले 10 वर्षों में अक्टूबर में भारी बारिश की घटनाएँ तीन बार हुई हैं — 2018, 2021 और 2025। यह एक ट्रेंड है। अरब सागर का तापमान बढ़ने से नमी की धाराएँ अब अधिक तीव्र और अधिक बार देश के आंतरिक भागों तक पहुँच रही हैं। यह जलवायु परिवर्तन का स्पष्ट संकेत है।

क्या अगले हफ्ते भी बारिश की संभावना है?

हाँ। IMD के अनुसार, 30 अक्टूबर से 5 नवंबर तक ओडिशा, उत्तर-पूर्वी भारत और गुजरात में भारी बारिश की संभावना है। मध्यप्रदेश के लिए अभी तो बारिश रुकने की उम्मीद है, लेकिन अगले हफ्ते फिर से नमी की धाराएँ आ सकती हैं।