दुबई में एकतरफा मुकाबला: भारत 7 विकेट से विजेता

127 पर थमी पाकिस्तान की पारी, 15.5 ओवर में खत्म हुआ पीछा—दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में भारत ने चिर-प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ पुरानी स्क्रिप्ट और भी कसी हुई अंदाज में दोहरा दी। हार्दिक पंड्या की पहली ही कानूनी गेंद पर सायम अय्यूब का विकेट और जसप्रीत बुमराह की सटीक गेंदबाजी ने शुरुआत में पाकिस्तान की रीढ़ हिला दी। इसके बाद मिडिल ओवर्स में कुलदीप यादव और अक्षर पटेल की जोड़ी ने स्पिन का ऐसा जाल बुना कि पाकिस्तान 20 ओवर में 127/9 से आगे बढ़ ही नहीं पाया।

कप्तान आगा सलमान ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी चुनी, उम्मीद थी कि पिच की शुरुआती धरकन पर 150+ का स्कोर बन जाए। उलटा हुआ। नई गेंद ने हल्की मूवमेंट दिखाई और भारतीय पेसरों ने लंबाई को सही तरह मिलाते हुए स्ट्राइक झटके। 6 पावरप्ले ओवर में पाकिस्तान का स्कोर 2 विकेट पर 6 रन तक सिमट गया, जिसने पूरे मैच की दिशा तय कर दी।

मिडिल ओवर्स आते-आते स्पिनर्स ने मोर्चा संभाला। कुलदीप ने चार ओवर में 3/18 की शानदार स्पेल डाली—गति, फ्लाइट और एंगल का मिश्रण इतना सटीक रहा कि पाकिस्तान की एक-एक कोशिश पढ़ ली गई। दूसरी तरफ अक्षर ने 2/18 देकर दबाव बनाए रखा। दोनों की संयुक्त 8 ओवर में महज 36 रन और 5 विकेट—यहीं से मुकाबला एकतरफा दिखने लगा।

पाकिस्तान के लिए साहिबजादा फरहान (44 गेंद में 40) ने धैर्य दिखाया, लेकिन स्ट्राइक रोटेशन की कमी और पार्टनरशिप का न होना नुकसानदेह रहा। आख़िर में शाहीन शाह अफ्रीदी ने 16 गेंद में 33* की धुआंधार पारी खेलकर स्कोर को 127/9 तक पहुंचाया—वरना हालत और खराब दिख रही थी।

भारत की बैटिंग ने जवाब में कोई रोमांच बचने नहीं दिया। पावरप्ले में अभिषेक शर्मा ने 13 गेंद में 31 रन ठोक दिए—चार चौके, दो छक्के और 238 की स्ट्राइक रेट। आउट होने से पहले वे पाकिस्तान के पेस अटैक का रिद्म तोड़ चुके थे। शुभमन गिल ने शुरू में स्ट्राइक बदली, गैप्स ढूंढे और प्लेटफॉर्म स्थिर रखा।

मध्यक्रम में सूर्यकुमार यादव ने अपने अंदाज़ में मैच पकड़ा—37 गेंद में 47* की संयमित, मगर नियंत्रित पारी। ओवर-द-कवर ड्राइव, फाइन-लेग के ऊपर लॉफ्ट और रनिंग बिटवीन द विकेट—हर विभाग में सटीक। तिलक वर्मा (31) ने दूसरे छोर पर जोखिम कम रखते हुए टारगेट की गणित आसान रखी। भारत ने 25 गेंद शेष रहते लक्ष्य हासिल कर लिया, यानी नेट रन रेट पर भी ठोस असर।

  • भारत: 128/3, 15.5 ओवर में जीत
  • पाकिस्तान: 127/9 (साहिबजादा फरहान 40, शाहीन 33*; कुलदीप 3/18, अक्षर 2/18)
  • भारत के टॉप परफॉर्मर: सूर्यकुमार 47*, अभिषेक 31 (13), कुलदीप 3/18
  • प्लेयर ऑफ द मैच: कुलदीप यादव (लगातार दूसरी बार)

रणनीति, पिच और आगे का समीकरण

दुबई की शाम में नई गेंद कुछ देर तक हवा के साथ खेलती है, उसके बाद सूखी सतह स्पिनरों को बाइट देती है। भारत ने इसी पैटर्न पर गेम-प्लान सिला—शुरुआत में हार्दिक-बुमराह से हार्ड लेंथ और स्टंप-टू-स्टंप, फिर कुलदीप-अक्षर से टर्न, स्लोअर-थ्रू-द-एयर और एंगल। पाकिस्तान इस रफ्तार से टेम्पो बदल ही नहीं पाया।

भारत की बैटिंग टेम्पलेट भी साफ दिखी—टॉप पर इंटेंट, मिड में कंट्रोल, आखिर तक रिस्क-मैनेजमेंट। अभिषेक का त्वरित हमला पावरप्ले में फील्डिंग रेस्ट्रिक्शन का फायदा उठाता है, जबकि सूर्यकुमार फेज़ कंट्रोल करते हैं—जब रन-रेट गिरता है, वे गैप्स निकालते हैं; जब ऊपर जाती है, तो स्ट्राइक रोटेट कर देते हैं। तिलक वर्मा की शांत उपस्थिति ने चेज़ को शॉर्ट, सिंगल-डबल और कम जोखिम वाले बॉउंड्री विकल्प में बांध दिया।

कुलदीप की फॉर्म भारत के लिए सबसे बड़ा पॉजिटिव है। एंगल से गेंद छोड़ते हुए वे राइट-हैंडर्स के खिलाफ गुगली और रिस्ट-स्पिन का मिश्रण रख रहे हैं, वहीं लेफ्ट-हैंडर्स पर फ्लाइट से ड्राइव को उकसाते हैं। 3/18 का फिगर सिर्फ विकेट नहीं, लाइन्स-लेंथ और पेस-ऑफ का सबक है। अक्षर ने नपी-तुली गति से टर्न कम रखकर लाइन पकड़ी—यही वजह रही कि रन-फ्लो थमा और शॉट्स मिसक्यू हुए।

पाकिस्तान के लिए सबक साफ हैं—पावरप्ले में डिफेंसिव शुरुआत और मिड-ओवर स्ट्राइक रेट, दोनों पर काम की जरूरत। फरहान ने धैर्य दिखाया, पर एक छोर से गिरते विकेट ने दबाव बढ़ाया। पाकिस्तान का मध्यक्रम भारत के स्पिन के खिलाफ स्पष्ट प्लान B के बिना दिखा—स्वीप और रिवर्स स्वीप का भरोसा कम, स्ट्राइक रोटेशन अस्थिर।

टूर्नामेंट समीकरण की बात करें तो भारत ग्रुप A में लगातार दूसरी जीत के बाद 4 अंक पर है और सेमीफाइनल के रास्ते पर मजबूती से बढ़ा है। पाकिस्तान के पास 2 अंक हैं, इसलिए बचे मैचों में उन्हें बड़े अंतर से जीत तलाशनी होगी ताकि नेट रन रेट भी पटरी पर आए। भारत के लिए यह जीत सिर्फ पॉइंट्स टेबल नहीं, ड्रेसिंग रूम कॉन्फिडेंस का मामला भी है—पेस और स्पिन दोनों यूनिट्स से स्पष्ट योजनाएं दिखीं, और बैटिंग में रोल्स साफ बंटे हुए।

दुबई की भीड़ में इस जीत ने भारत को मनोवैज्ञानिक बढ़त दी है। इस हाई-वोल्टेज टकराव में शांत दिमाग और स्पष्ट एक्ज़ेक्यूशन दिखाई दिया। आगे नॉकआउट चरण में यही संयोजन—शुरुआत में सीम, बीच में स्पिन, और अंत में कंट्रोल्ड चेज़—प्रतिद्वंद्वियों के लिए मुश्किलें खड़ी करेगा। और हां, इस पूरे अभियान की धुरी अब वही शब्द है जिसे हर टीम सुनते ही सतर्क हो जाती है: Asia Cup 2025