जब इंडिया मीटिओरोलॉजिकल डिपार्टमेंट (IMD) ने 6 अक्टूबर 2025 को भारी बारिश चेतावनीउत्तराखंड, दिल्ली, एवं आसपास के क्षेत्र जारी की, तो उत्तराखंड के देहरादून में लोग चिंतित हो उठे। तापमान 33.9°C तक पहुंच गया—जो सामान्य से 3.9°C अधिक था—और आधी रात में तेज़ आँधी और ओले की संभावना बढ़ रही थी।
पिछला मौसमीय संदर्भ और प्रणाली की उत्पत्ति
इस मौसमीय झटके का मूल कारण पश्चिमी अरबी सागर में विकसित हो रही एक कमजोर चक्रवातीय प्रणाली है। पिछले दो हफ़्तों से बार-बार दोहराए जा रहे लवणीय वायु दाब में गिरावट ने उत्तर‑पश्चिमी भारत में अस्थिरता पैदा कर दी। वही प्रणाली 2 अक्टूबर को राजस्थान‑उत्तरी भाग में हल्की बारिश ला चुकी थी, और अब यह उत्तराखंड की ऊँची चोटियों तक पहुँचती दिख रही है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस साल के मानसून में असामान्य रूप से गर्म हवा का प्रवाह, जो हिमालयी शिखर से नीचे गिर रही है, तथा समुद्री जल के उच्च तापमान ने मिलकर इस तीव्रता को बढ़ा दिया।
IMD की चेतावनी और संभावित प्रभाव
IMD के प्रमुख मौसम विज्ञान अधिकारी डॉ. रजत सिंह ने कहा, "हमारी मॉडलिंग दर्शाती है कि अगले 24 घंटे में ज्यादा बारिश और ओले संभव है, इसलिए सभी स्थानीय प्रशासन को सतर्क रहना चाहिए।" उन्होंने आगे बताया कि हवाई दाब में तेज़ गिरावट के कारण तेज़ हवाओं के साथ‑साथ लाइटनिंग और हेमस्ट्रॉम की आवृत्ति भी बढ़ेगी।
आधिकारिक सलाह में कहा गया है कि भारी वर्षा, तेज़ ध्वनि, और तेज़ बवंडर को देखते हुए, ग्रामीण क्षेत्रों में बाढ़, रोड कट, और बिजली के बुनियादी ढाँचे को क्षति पहुँच सकती है। विशेष रूप से उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में मिट्टी का कटाव और जलधारण क्षमता में कमी से बाढ़‑प्रवण इलाकों में जोखिम अधिक है।
- उच्चतम संभावित वर्षा: 80‑120 mm (24‑घंटे)
- हवा की गति: 70‑90 km/h तक पहुँच सकती है
- हमी हिलचाल के साथ ओले के मामले
- संभावित ढाँचा‑क्षति: सड़क, पावर लाइनों, तथा स्कूलों के इमारतों में
देहरादून व आसपास के क्षेत्रों में अनुमानित स्थिति
देहरादून में 5 अक्टूबर को अधिकतम तापमान 33.9°C था, जो औसत 30.0°C से ऊपर था। 6 अक्टूबर को न्यूनतम तापमान 21.0°C तक गिरने की संभावना है, साथ ही दोपहर‑शाम में आंशिक बादल के बाद आम तौर पर अंथहीन बारिश होगी। मौसम विभाग ने बताया कि 8:30 एएम पर आर्द्रता 82% थी, जबकि 5:30 पीएम तक यह 51% तक गिर गई।
स्थानिक अधिकारी यह बताये कि देहरादून के बाग‑विजली स्टेशन और अभय डेम के पास जलस्तर में तेज़ वृद्धि हो सकती है। इसलिए बाढ़‑व्यवस्थापन दल ने पहले से ही एरिएल सपोर्ट और बचाव नौकाओं को तैयार रखा है।
स्थानीय स्कूलों को 6‑7 अक्टूबर के बीच सुबह के शुरुआती घंटों में गेट बंद करने की सलाह दी गई है, जबकि अस्पतालों को आपातकालीन बिजली बैक‑अप सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया।

दिल्ली, हरियाणा, चंडीगढ़ और राजस्थान‑पूर्व भाग में स्थिति
राजधानी दिल्ली में अगले दो दिनों तक आंशिक तौर पर बादलिया आकाश रहेगा, और हल्की‑मध्यम बरसात के साथ गरज‑बिजली के फ्लाइडिस के संभावित मामलों की सूचना दी गई है। 6‑7 अक्टूबर को हल्की‑मध्यम बारिश और तेज़ हवाओं की संभावना है, जबकि 8‑9 अक्टूबर को मौसम साफ‑सुथरा हो जाएगा।
हरियाणा में गुरुग्राम‑अनूपपुरा रेगुलेटर ने कहा कि शाम के समय तक संभावित तूफ़ानी बारिश और कड़कड़ाती हवा की चेतावनी जारी है। चंडीगढ़ में भी हल्की बरसात की संभावना है, जिससे ट्रैफ़िक जाम और पावर कट जैसी असुविधा हो सकती है।
राजस्थान‑पूर्व में अलवर और बीकोटा के पास 6 अक्टूबर को कमजोर तीव्र धारा सहित हल्की बारिश की आशंका है। कृषि विभाग ने किसान भाइयों को तुरंत फसल सुरक्षा के उपाय अपनाने का निर्देश दिया।
प्रभाव और तैयारियों की जरूरत
बाढ़‑प्रबंधन 전문가 प्रकाश शर्मा, उत्तराखंड कृषि विभाग के अधिकारी, ने कहा, "किसानों को अभी से बुवाई‑के बाद की फसल को सुरक्षित रखने के लिए ऊँचे बंडल बनाकर रखना चाहिए, तथा बाढ़‑भयंकर क्षेत्रों में ग्रीनरी हटाकर पानी के बहाव को नियंत्रित करना आवश्यक है।"
सावधानी बरतने के लिए आम जनता को सलाह दी गई है कि अपने घरों के निकट मौजूद नली, नालियों और जल निकासी प्रणालियों की जांच कर लें। यदि आप निचले‑सिरे वाले क्षेत्रों में रहते हैं तो स्थानीय आपातकालीन सेवाओं के संपर्क में रहें और सहज रूप से निकासी मार्गों को पहचानें।
यात्रियों के लिए रोड ट्रैफ़िक में बाधा की संभावना अधिक है, इसलिए सार्वजनिक परिवहन के शेड्यूल को अनुशंसित रूप से जांच लेते रहें।
अंत में, मौसम विभाग ने कहा कि 9 अक्टूबर से स्थितियाँ धीरे‑धीरे सुधरेंगी और 10‑12 अक्टूबर तक साफ‑सुथरा मौसम रहेगा। फिर भी, अचानक परिवर्तन की संभावना को देखते हुए सतर्कता को बनाए रखना आवश्यक है।

मुख्य तथ्य
- भारी बारिश और ओले की चेतावनी 6 अक्टूबर 2025 को जारी
- IMD ने उत्तराखंड, दिल्ली, हरियाणा, चंडीगढ़, पश्चिमी यूपी व पूर्व राजस्थान को लक्षित किया
- देहरादून में अधिकतम तापमान 33.9°C, न्यूनतम 21.0°C
- संभावित वर्षा: 80‑120 mm, हवाओं की गति 70‑90 km/h
- 9 अक्टूबर से मौसम सुधरेगा, 10‑12 अक्टूबर तक साफ‑सुथरा
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
भारी बारिश से किसे सबसे अधिक जोखिम है?
छोटी नदियों और जलधारा के किनारे बस्तियों में रहने वाले लोग, पहाड़ी क्षेत्रों में स्लैब‑फाउंडेशन वाले घर, तथा कृषि‑केंद्रित गाँव सबसे अधिक प्रभावित हो सकते हैं। इन क्षेत्रों में बाढ़, लैंडस्लाइड और वाहन‑डैमेज की संभावना अधिक रहती है।
क्या दिल्ली में भी बाढ़ की संभावना है?
दिल्ली में मुख्य रूप से हल्की‑मध्यम बारिश और जलभारी परिस्थितियों के कारण कुछ क्षेत्रों में जलभराव हो सकता है, परंतु व्यापक बाढ़ की संभावना कम है। ग्रेटर दिल्ली में निचले‑सिरे वाले इलाकों में स्थानीय जल निकासी समस्याओं से जलभराव हो सकता है।
किसान को क्या कदम उठाना चाहिए?
किसानों को फसलों को ऊँचे बंडलों में ढालना, बाढ़‑प्रवण खेतों में सिचाई प्रणाली को दाब‑रहित रखना और नजदीकी बचाव केंद्रों से संपर्क में रहना चाहिए। साथ ही, मौसम विभाग की दैनिक रिपोर्टें देखते रहना आवश्यक है।
यात्रियों को कौन सी सावधानियाँ बरतनी चाहिए?
रूटेड ट्रैफ़िक में देरी, पुलों पर संरचनात्मक जोखिम और अचानक बाढ़ की स्थिति को देखते हुए, यात्रियों को स्थानीय परिवहन एजेंसियों की अपडेट्स के साथ योजना बनानी चाहिए, और यदि संभव हो तो सड़कों के बजाय रेल/हवाई यात्रा को प्राथमिकता दें।
अगले कुछ दिनों में मौसम कैसा रहेगा?
9 अक्टूबर से हल्की धुंध और बादल हटने की उम्मीद है, जबकि 10‑12 अक्टूबर तक अधिकांश क्षेत्रों में साफ‑सुथरा और सुहावना मौसम रहेगा। फिर भी, अचानक बदलते मौसमी पैटर्न के कारण स्थानीय अपडेट्स पर नजर रखें।
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